कितने बजे मिलेंगे हम

तुम्हारे ज़हन में तो दिन भी नहीं हुआ है तय,
यहाँ मैं सोचता हूं के कितने बजे मिलेंगे हम...!!


🖤꧁पँखराज꧂🖤⁩

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