चंचल मन की मोरी भाजी,
घर आँगन में किलकारी भरे,
माँ के दिल की सेहजादि है,
पापा की वो लाड़ली,
इस आँगन से उस आँगन तक एक ही गुड़िया प्यारी है,
वो है मोरी लाड़ली भांजी,
उसके जैसा ना कोई है....!!
हाथ पैर है छोटे छोटे
कम बड़े वो करती है,
मेरी प्यारी गुड़िया रानी
नहीं किसी से डरती है,
बोलने में वो हकला जाये,
पर जय जयकार लगाती है,
ऐसी मोरी लाड़ली भांजी,
उसके जैसी ना कोई है,
नन्ही गुड़िया पूछे माँ से,
बोल में हूँ कितनी प्यारी,
बोली माँ जितना बड़ा ये अम्बर,
जितनी बड़ी ये दुनिया सरी,
तू तो है मोरी राजकुमारी,
तुझसो दूजो कोई ना,
नन्ही गुड़िया मांगे चाँद,
माँ ने दिया कटोरे में उतार,
देख चाँद कटोरे के पानी,
खिल उठी गुड़िया की मुस्कान,
सुन कर रोज पारी की कहानी,
जिद करने लग जाती है,
एक झलक परी की दिखला दो मोहे,
मीठे स्वर में बोलती है,
माँ ने मंगाई जादू छड़ी,
और खुद शृंगार कर बन गयी पारी,
देख के गुड़िया फूली ना समायी,
जो माँगा माँ सब ले आई,
बोली माँ,
सबकुछ करके भी में कुछ न कर पायी,
तकदीर तो जनम के साथ ही बिटिया रानी तू लायी...
Very good
जवाब देंहटाएंचंचल मन की मोरी भाजी,
जवाब देंहटाएंघर आँगन में किलकारी भरे,
माँ के दिल की सेहजादि है,
पापा की वो लाड़ली,
इस आँगन से उस आँगन तक एक ही गुड़िया प्यारी है,
वो है मोरी लाड़ली भांजी,
उसके जैसा ना कोई है....!!
हाथ पैर है छोटे छोटे
कम बड़े वो करती है,
मेरी प्यारी गुड़िया रानी
नहीं किसी से डरती है,
बोलने में वो हकला जाये,
पर जय जयकार लगाती है,
ऐसी मोरी लाड़ली भांजी,
उसके जैसी ना कोई है,
नन्ही गुड़िया पूछे माँ से,
बोल में हूँ कितनी प्यारी,
बोली माँ जितना बड़ा ये अम्बर,
जितनी बड़ी ये दुनिया सरी,
तू तो है मोरी राजकुमारी,
तुझसो दूजो कोई ना,
नन्ही गुड़िया मांगे चाँद,
माँ ने दिया कटोरे में उतार,
देख चाँद कटोरे के पानी,
खिल उठी गुड़िया की मुस्कान,
सुन कर रोज पारी की कहानी,
जिद करने लग जाती है,
एक झलक परी की दिखला दो मोहे,
मीठे स्वर में बोलती है,
माँ ने मंगाई जादू छड़ी,
और खुद शृंगार कर बन गयी पारी,
देख के गुड़िया फूली ना समायी,
जो माँगा माँ सब ले आई,
बोली माँ,
सबकुछ करके भी में कुछ न कर पायी,
तकदीर तो जनम के साथ ही बिटिया रानी तू लायी.
Shri singh
जवाब देंहटाएंSuper
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