नजाने क्या हो रहा है मेरे साथ,
ना बची कोई आस,
ना है अब किसी पर विश्वास,
हर बार, हाँ
हर बार,
में निभाता हु सबका साथ,
पर हर कोई क्यों,
छोड़ जाता है मेरा साथ,
वो भी उस वक़्त,
जब रहती है मुझे,
उसके साथ कि आस,
मेरे जीवन का पथ
दूर से तो मुझे समतल दिखता है,
लेकिन जब नजदीक से,
गुजरता हु तो इतने
गड्ढे, ओर उच्चा नीचा क्यों मिलता है,
हा, में बहुत गुस्से में हु आज,
पर क्या करूँ,
दुसरो पर गुस्सा निकालने से,
कोई मतलब नही है,
उम्मीद जो मेने की थी,
तो परेशान मुझे ही होना पड़ेगा,
मान लो कि अगर गुस्सा निकाला भी,
तो कुछ देर के लिए, शांति होगी,
उसके बाद मैं ही सबकी
नजरों में गलत हो जाऊंगा,
नही समझ आ रहा,
कैसे खुद को संभालू,
किससे कहु,
किससे ना कहु,
क्योंकि अब किसी से कोई उम्मीद
रखने की मन मे इच्छा नही है,
ऐसा महसूस होने लगा है,
सब अपने अपने मतलब के लिए,
कुछ पल के लिए आपके
जीवन मे आते है,
ओर जब उनका मतलब खत्म
हो जाता है तो बिना अलविदा कहे ही चले जाते है,
हाँ, मैं गुस्से में हु,
बहुत ज्यादा गुस्से में हु,
नही जानता,
की में जो सोच रहा हु,
किस हद तक सही है,
नही जनता मेरा गुस्सा करना,
जायज है या नही है,
लेकिन फिर भी,
इस तरह का व्यवहार देख कर
आज मन बहुत विचलित चल रहा है,
चाहता तो में भी हु की ये सारी बाते
किसी अपने दोस्त या
जो मुझे समझते है उनसे सांझा करू,
लेकिन अब मुझे कोई उम्मीद नही है,
किसी से भी इस लिए,
मन की इस भड़ास को में,
ब्लॉग के माध्यम से लिख रहा हु,
में भी इंसान हु,
जिन बातों का तुम्हे बुरा लगता है,
जिन बातों पर तुम हक़ से लड़ लेते हो मुझसे,
वही बाते या काम तुम करोगे,
तो गुस्सा तो मुझे भी आएगा,
मेरा भी मन करता है,
की गुस्सा उतार लू,
लेकिन नही,
शायद अगर तुम मेरे सच्चे दोस्त होते
तो ऐसा कुछ करते ही नही,
शायद मेरी ही गलतफहमी थी ये,
मुझे ही सुधारनी पड़ेगी,
उम्मीदों का दामन छोड़ने का वक़्त आ गया है,
मेरे पसंदीदा गीत को गुनगुना रहा हु,
शायद ये अहसास कुछ कम हो जाये...!!
😒😒😥😥😒😒😥😥
मुश्किल में अपनों से अपनो से व्यवहार नही मिलता,
इस दुनिया मे सदा सभी को पूरा प्यार नही मिलता,
जैसा चाहो वेसा ही सुख का संसार नही मिलता,
इस दुनिया मे सदा सभी को पूरा प्यार नही मिलता...!!
पंखराज....!!
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