आज भी सर्द हवा छू के गुजर जाती है,
मेरे कानों में सुर नए वो गुन गुनती है,
गीत लिखता हूँ ये खबर है उसको,
बैठ तन्हाई में वो गीत मेरे गाती है...!!
पंखराज.....!!
आज भी सर्द हवा छू के गुजर जाती है,
मेरे कानों में सुर नए वो गुन गुनती है,
गीत लिखता हूँ ये खबर है उसको,
बैठ तन्हाई में वो गीत मेरे गाती है...!!
पंखराज.....!!
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