वफाओ के तराजू में मुझे वो तोल ना पायी....!!

वो है खामोश लब से आज भी कुछ बोल ना पायी,
दबे जो राज दिल में थे उन्हें वो खोल ना पायी,
ज़माने की नजर से उसने मुझको देखना चाहा,
वफाओ के तराजू में मुझे वो तोल ना पायी....!!
पंखराज.....!!

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