घास का घोसला में बना दू मगर,
साथ देने का वादा करोगे क्या तुम,
चार दीवारे और छत मका हो खड़ा,
आओगे घर सा उसको सजाने क्या तुम,
घास का घोसला में बना दू मगर,
साथ देने का वादा करोगे क्या तुम..!!
बंसी की धुन पे घनश्याम बन जाऊं मगर,
आओगी राधिका बनके फिरसे क्या तुम,
टूटे दिल से मैं फिर से पुकारू मगर,
प्रेम से जोड़ पाओगे दिल को क्या तुम,
घास का घोसला में बना दू मगर,
साथ देने का वादा करोगे क्या तुम..!!
चाँद तारे अमावस की रतिया में आ जाये मगर,
आओगी चांदनी में सुरतिया दिखने क्या तुम,
ना भी आये तो दिल को समझा लेंगे अगर,
अपनी यादो की हिचकी भेज पाओगे क्या तुम
घास का घोसला में बना दू मगर,
साथ देने का वादा करोगे क्या तुम..!!
मैंने सावन के झूले भी झूले उसके संग,
और बारिश में भी भीगे थे हम एक संग,
ताप्ती दोपहरी में चलते थे हम जो संग,
शुष्क रातो में भी हम जो रहते थे संग,
फिर क्यों आया था पतझड़ दूर करने हमे,
दूर रहकर भी आज "सोनपंख" है एक संग,
घास का घोसला में बना दू मगर,
साथ देने का वादा करोगे क्या तुम..!!
"हूँ में बैरन लाज की मरी कान्हा कैसे में इजहार करू,
तुम चन्दन की खुशबु हो कैसे तुमको गिरफ्तार करू,
कान्हा तुम्हारे प्यार पर सिर्फ मेरा तो अधिकार नहीं,
फिर भी आखरी सास तक तुम्हारा ही इंतेजार करू...!!"
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