बहुत कुछ सोचने के बाद दिल ने आज ये माना,
की तुम अपनी नहीं हो अब पराई हो गयी जाना,
सफर जो साथ चलने का शुरू हमने किया था कल,
अधूरे इस सफर में याद आता है वो हर एक पल,
की यादे आज भी दिल के हर एक कोने में तजा है,
की तन्हाई में जीने का मजा कुछ और है जाना,
की दिल तो आज भी चाहता है तेरे साथ ही चलना,
ज़माने को नहीं मंजूर तेरा मेरा यु संग मिलना,
दुनिया वाले कहते है में शायर बन गया जाना,
जो तू कह दे में शायर हूँ, तो शायर बन गया जाना....!!
"अकेला चल पड़ा हूँ अब ना कोई भी ठिकाना है,
ना कोई दोस्त, ना हमदर्द, ना कोई अब तराना है,
प्यार के गीत से संगीत में ढालने की हसरत है,
की जो रूठे है मुझसे अब उन्हें मुझको मनाना है.....!!"
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