तुम्हारे पास आता हूँ, तो साँसे भीग जाती है..
मुहब्बत इतनी मिलती है की आँखे भीग जाती है...
तबस्सुम इत्र जैसी है, हँसी बरसात जैसी है,
वो जब भी बात करती है तो बाते भीग जाती है,
तुम्हारी याद से दिल में उजाला होने लगता है,
तुम्हे जब गुनगुनाता हूँ तो सांसे भीग जाती है,
जमी की गोद भरती है तो कुदरत भी चहकती है,
नए पत्तो की आमद से ही शाखे भीग जाती है,
तेरे अहसास की खुसबू हमेशा मुस्कुराती है,
तेरी रहमत की बारिश से मुरादे भीग जाती है.....
पंखराज...
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