कलम...

कलम एक तू है जो मेरे दिल के करीब,
सब कुछ होते हुए भी मुझसा गरीब...!!

मुझे ना कोई सिख्वा ना कोई शिकायत,
बस इस कलम में है सब ख्वाहिश...!!

कलम ना होना कभी हमसे खफा,
तेरे सिवा सबने दिया है हमे दगा...!!

तू जो चले तो दिल का हाल बयान करदे,
तू कोरे पन्नों में किस्मत के रंग भर दे...!!

पंखराज....!!

टिप्पणियाँ